Attention, KPSC aspirants! The Karnataka Public Service Commission (KPSC) has issued the KPSC KAS Hall Ticket 2024 for Gazetted Probationer Groups “A” and “B.” If you’re gearing up for the preliminary examination scheduled for December 29, 2024, it’s time to download your admit card and finalize your preparation.
It’s important to note that the examination notification for Gazetted Probationer Groups “A” and “B” was announced earlier, and this hall ticket release is the latest update from KPSC. Don’t miss out—your hall ticket is your gateway to this significant opportunity.
How to Download the KPSC KAS Hall Ticket 2024
Follow these simple steps to access your admit card:
Locate the Hall Ticket Link: Click on the Gazetted Probationer Group ‘A’ and ‘B’ Hall Ticket link on the homepage.
Log In: Enter your credentials, including your registration number and password.
Download Your Admit Card: It will open in a new window—save it to your device.
Print a Copy: Keep a hard copy handy for exam day.
Why Is This Hall Ticket Important?
Your hall ticket isn’t just a document—it’s your key to the preliminary examination, where your journey toward a career in Karnataka’s public service begins. Ensure all the details on your admit card are accurate, and familiarize yourself with the exam center and timings.
A Quick Reminder: What’s Next?
The preliminary examination, a two-paper objective test, will be held on December 29, 2024. Clearing this stage will qualify you for the mains examination and, ultimately, the interview.
This is your moment to shine! Stay focused, double-check your preparations, and don’t forget to carry your admit card to the exam center. For the latest updates, keep visiting the official KPSC website at KPSC.kar.nic.in
शतरंज की दुनिया के पर्दे के पीछे की दुनिया का बड़ा खुलासा
विश्व शतरंज चैंपियनशिप में पर्दे के पीछे काम करने वाली टीम का महत्व बहुत अधिक होता है। जैसे एक अच्छे जादूगर के प्रदर्शन में उसके सहायक का बड़ा हाथ होता है, वैसे ही शतरंज में खिलाड़ियों के ‘सेकंड’ और प्रशिक्षकों की भूमिका अहम होती है। ये लोग न केवल खिलाड़ी की तैयारी में मदद करते हैं बल्कि विरोधी को चौंकाने वाली रणनीतियों के निर्माण में भी योगदान देते हैं।
डिंग लिरेन और रिचर्ड रैपोर्ट की जोड़ी
2024 की विश्व शतरंज चैंपियनशिप में पहली बड़ी चर्चा तब शुरू हुई जब यह सामने आया कि चीनी ग्रैंडमास्टर डिंग लिरेन ने अपने सेकंड के रूप में हंगरी के ग्रैंडमास्टर रिचर्ड रैपोर्ट को चुना है। इससे पहले, डिंग ने अपने सेकंड्स का नाम गुप्त रखा था, जैसा कि अक्सर चैंपियनशिप में देखा जाता है।
डिंग ने पिछली चैंपियनशिप में भी रैपोर्ट के साथ काम किया था, जब उन्होंने अपनी पारंपरिक शैली को तोड़ते हुए विरोधी को अपनी चालों से चौंका दिया था। गेम 2 में डिंग द्वारा खेले गए 4.3 (खेल की चौथी चाल में अपने मोहरे को h3 पर पहुँचाना) के मूव ने शतरंज की दुनिया में हलचल मचा दी थी। भले ही वह चाल सफल नहीं हुई, लेकिन यह उनके खेलने के तरीके में बदलाव का प्रतीक थी।
विरोधी को चौंकाने की चाल
शतरंज चैंपियनशिप में खिलाड़ियों की तैयारी महीनों चलती है, जहां वे एक-दूसरे की चालों का गहन विश्लेषण करते हैं। ऐसे में विरोधी को चौंकाने के लिए अप्रत्याशित ओपनिंग का सहारा लेना महत्वपूर्ण हो जाता है। उदाहरण के लिए, गैरी कास्पारोव ने 1993 में निगेल शॉर्ट के खिलाफ ‘रुई लोपेज़’ सिस्टम अपनाया और पहले चार में से तीन गेम जीते।
रिचर्ड रैपोर्ट की खासियत उनके ‘अनपेक्षित ओपनिंग’ तैयार करने की क्षमता है। पिछले साल, उनकी रणनीतियों ने डिंग को विरोधी के खिलाफ नई योजनाएं बनाने में मदद की। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार डिंग और रैपोर्ट की जोड़ी क्या नया लेकर आती है।
गुकश के शिविर की रणनीति
दूसरी ओर, भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकश ने भी अपने प्रशिक्षक ग्रेजगोरज़ गजेव्स्की के साथ अपनी खेल शैली को निखारा है। गुकश के अनुसार, उनके प्रशिक्षक ने उन्हें पारंपरिक शैली से हटकर नई रणनीतियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
क्या होगा चैंपियनशिप का परिणाम?
विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024 में पर्दे के पीछे की यह रणनीति तय करेगी कि कौन सा खिलाड़ी ताज अपने नाम करेगा। डिंग लिरेन और रिचर्ड रैपोर्ट की जोड़ी ने एक बार फिर अपनी मौजूदगी से शतरंज प्रेमियों का ध्यान खींचा है। अब देखना यह होगा कि यह जोड़ी किस तरह से गुकश की तैयारियों का सामना करती है।
पायल कपाड़िया की फिल्म (All We Imagine As Light) ऑलवीइमैजिनऐज़लाइट “मैक्सिमम सिटी” का एक अंतरंग और गहराई से देखा गया चित्रण है। लेकिन यह फिल्म मुंबई के रोमांटिक और महिमामंडित दृष्टिकोण को छोड़ देती है। फिल्म के शुरुआती दृश्यों में कपाड़िया मुंबई को संघर्ष का प्रतीक, एक चकाचौंध भरा सपना और एक ऐसा मृगतृष्णा प्रस्तुत करती हैं, जो जितना देती है, उससे कहीं अधिक छीन लेती है।
सामाजिक वर्गों की कहानियों से होती है शुरुआत फिल्म की शुरुआत वर्किंग क्लास के बेनाम आवाज़ों से होती है, जो अपने-अपने मुंबई अनुभवों को साझा करते हैं। कोई कहता है कि दो दशकों तक यहां रहने के बावजूद, वह इसे अपना घर कहने से डरता है क्योंकि वह कभी भी यहां से निकलने को मजबूर हो सकता है। एक और व्यक्ति याद करता है कि जब वह पहली बार मुंबई आया था, तो मछलियों की बदबू के कारण रातभर सो नहीं पाया था।
जल्द ही फिल्म दो मलयाली नर्सों पर केंद्रित हो जाती है—प्रभा (कानी कुसरुति) और अनु (दिव्या प्रभा)। प्रभा, 30 की उम्र पार कर चुकी, खिड़की के पास खड़ी होकर रात के अंधेरे में खोई हुई है। दूसरी ओर, उसकी युवा रूममेट अनु सीट पर लेटी हुई दिनभर की थकावट मिटा रही है।
दो किरदार, दो अलग व्यक्तित्व प्रभा और अनु उम्र ही नहीं, अपने व्यक्तित्व, इतिहास और रहस्यों में भी एकदम अलग हैं। प्रभा एक जिम्मेदार और शांत स्वभाव की महिला है, जो अपने अलग हो चुके पति की अनुपस्थिति से जूझ रही है। दूसरी तरफ, अनु युवा और साहसी है, जो एक मुस्लिम लड़के शियाज़ (ह्रिदु हारून) के साथ गुप्त रिश्ते में है और मुंबई की अनदेखी में इसे निभा रही है।
मुंबई से कोंकण के बीच बदलता परिदृश्य 118 मिनट की इस फिल्म का पहला भाग मुंबई के संघर्ष को दिखाता है। इंटरवल के बाद, फिल्म कोंकण के समुद्र तट गांव में स्थानांतरित होती है। पुनर्वास के कारण शहर छोड़ने को मजबूर परवती (छाया कदम) अपनी सहायक प्रभा और अनु के साथ गांव लौट जाती है। मुंबई की हलचल से विपरीत, इस शांत गांव में उन्हें वह स्वतंत्रता मिलती है जिसकी तलाश वे लंबे समय से कर रही थीं।
भावनाओं और राजनीति का कच्चा सच फिल्म मुंबई की आत्मा में गहराई से जड़ें जमाए हुए है, लेकिन इसमें वैश्विक दृष्टिकोण भी झलकता है। यह एक सिनेमाई अनुभव है जो मीर नायर की फिल्मों की तरह कच्चा और निर्भीक राजनीतिक टिप्पणी से भरा है।
रणबीर दास की सिनेमैटोग्राफी और क्लेमेंट पिंटो की एडिटिंग इतनी तरल है कि दृश्य एक-दूसरे में घुल जाते हैं। प्रभा का अपने पति से बिना बात किए एक साल बाद एक राइस कुकर गिफ्ट मिलने का दृश्य दिल को छू जाता है। इसी तरह, समुद्र तट पर एक अजनबी से प्रभा की बातचीत उसे असली और कल्पना के बीच लाकर खड़ा कर देती है।
फिल्म का सशक्त संदेश फिल्म का सबसे शक्तिशाली क्षण तब आता है जब अनु एक बुर्के का उपयोग अपनी यौन स्वतंत्रता को व्यक्त करने के लिए करती है। शियाज़ के घर में अकेले समय बिताने के लिए वह इसका इस्तेमाल करती है। हालांकि योजना असफल होती है, लेकिन उनकी अंतर्धार्मिक प्रेम कहानी दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ जाती है।
पायल कपाड़िया ने साधारण चीज़ों में असाधारणता खोजने की कला में महारत हासिल की है। ऑल वी इमैजिन ऐज़ लाइट न केवल भारतीय सिनेमा का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खूब सराहा जा रहा है।
अंतत:- 2024 के अंत तक, यह फिल्म भारतीय सिनेमा में बदलाव की एक मिसाल है। इसकी निर्भीकता, कथा की सादगी और भावनात्मक गहराई इसे दर्शकों के दिलों में एक स्थायी स्थान देती है। यह फिल्म दर्शकों को यह याद दिलाती है कि भारतीय प्रतिभा को पहचानने के लिए विदेशी प्रशंसा की आवश्यकता क्यों नहीं होनी चाहिए।
Why did Mukhtar & Arif target Kaushalya:आरिफ ने मुस्कान से निकाह का प्रस्ताव रखा, लेकिन मुस्कान ने साफ मना कर दिया।आरिफ के साथ संबंध मुख्तार को पसंद नहीं थे।
23 November 2024: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में 27 सितंबर 2024 को एक हिन्दू महिला की उसके 2 नाबालिग बच्चों के साथ हत्या कर दी गई थी। तीनों की लाश 15 नवंबर को पुलिस को बरामद हुई। इस मामले में मुख्तार अंसारी नाम के युवक को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में नया खुलासा हुआ है। कत्ल में मुख्तार के साथ उसका भाई आरिफ भी शामिल था। दोनों भाइयों के माँ-बेटी से अवैध संबंध थे।
आरिफ ने मुस्कान से निकाह का प्रस्ताव रखा, लेकिन मुस्कान ने साफ मना कर दिया। आरिफ को लगा कि मुस्कान का किसी और लड़के से अफेयर है। इससे नाराज आरिफ ने मुस्कान की हत्या की planning की। इस साजिश में उसने अपने भाई मुख्तार को भी शामिल कर लिया। हालाँकि,कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि आरिफ के साथ संबंध मुख्तार को पसंद नहीं थे।
जो भी हो, घटना के एक दिन पहले याने 26 सितंबर को मुख्तार मुस्कान के घर पहुँचा। उसने मुस्कान, 37 साल की माँ कौशल्या और उसके 5 वर्षीय भाई मिंटू को बेतला नेशनल पार्क घुमाने का option दिया। तीनों तैयार हो गए तो मुख्तार इन सबको एक बाइक पर बैठाकर कुसुमी से बलरामपुर अपने घर ले आया। यहाँ इन्हें आरिफ भी मिला। थोड़े समय के बाद आरिफ कहीं चला गया। वह फिर रात में लौटकर आया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्य आरोपि झाड़-फूँक का काम करता था। इसी बहाने से कौशल्या नाम की मृतक महिला के घर उसका आना-जाना था। कुछ ही दिनों में मुख्तार और कौशल्या में प्रेम संबंध बन गए। इसी दौरान मुख्तार का छोटा भाई आरिफ भी कौशल्या के घर आने-जाने लगा। उसने कुछ ही दिनों में कौशल्या की 17 वर्षीया नाबालिग बेटी मुस्कान को भी अपने प्यार के जाल में फँसा लिया।
रात में 38 वर्षीय मुख्तार, कौशल्या, मुस्कान, और आरिफ ने एक साथ खाना बाना खाया। जब कौशल्या अपने बेटे और बेटीके साथ गहरी नींद में सो गई, तब वहाँ आरिफ आ पहुँचा। उसने मुस्कान के पेट में चाकू मार दिया। मुस्कान की चीख सुनकर कौशल्या जाग गई। तभी मुख्तार ने कौशल्या के सिर पर कुल्हाड़ी मार दी। इसी दौरान कौशल्या का बेटा मिंटू भी जाग गया।
मूलत: झारखंड के रहने वाले मुख्तार और आरिफ ने मिंटू को भी कुल्हाड़ी से वार करके मार डाला। उन्होंने तीनों की लाश को पास के ही एक खेत में फेंक दिया। खेत से लौटकर मुख्तार और आरिफ घर में फैले खून को साफ किए। इसके बाद दोनों अलग-अलग ठिकानों की तरफ फरार हो गए। लम्बे समय तक खेतों में कोई नहीं गया था। इसलिए तीनों मृतकों के शरीर पानी में गल गए और सिर्फ कंकाल बचे।
पुलिस ने कंकाल को बरामद करके जाँच शुरू की थी तो आखिरकार इस कत्ल की गुत्थी सुलझ गई। मुख्तार के बाद अब उसके भाई आरिफ अंसारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरोपितों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1), 238, 140(3) और 138(2) के तहत कार्रवाई की गई है। कत्ल में प्रयोग हुई कुल्हाड़ी और चाकू को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है।
बताते दें कि मुख्तार अंसारी ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को अलग ही कहानी गढ़कर गुमराह करने की कोशिश की थी। तब उसने बताया था कि मुस्कान के प्यार में फँसकर उसका भाई आरिफ अंसारी घर पर पैसे नहीं भेज रहा था। माहौल को और इमोशनल बनाने के लिए उसने इस पैसे से अपने बीमार अब्बा जान का इलाज होने की बात भी कही थी। आखिरकार कुछ समय बाद इस झूठी कहानी का पर्दा फास हो गया।
CBI ARRESTS TWO ACCUSED PUBLIC SERVANTS INCLUDING A MAIL OVERSEER AND A SUB-DIVISIONAL INSPECTOR OF POSTS IN CHHATTISGARH FOR DEMANDING AND ACCEPTING BRIBE OF Rs 37,000/- FROM COMPLAINANT
CBI arrested
23 November: छत्तीसगढ़: सीबीआई ने आज छत्तीसगढ़ में एक मेल ओवरसियर और एक उप-मंडल डाक निरीक्षक सहित दो आरोपी लोक सेवकों को शिकायतकर्ता से 37,000 रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने शाखा पोस्ट मास्टर, देवसुंदरा, जिला बलौदाबाजार (छत्तीसगढ़) द्वारा दिनांक 19.11.2024 को की गई शिकायत के आधार पर आरोपी मेल ओवरसियर, ओ/ओ, उप-मंडल डाक निरीक्षक (एसडीआईपी), जिला बलौदाबाजार, छत्तीसगढ़ के खिलाफ 23.11.2024 को एक नियमित मामला दर्ज किया। यह आरोप लगाया गया था कि आरोपी मेल ओवरसियर (एमओ) और एसडीआईपी, डाक विभाग, बलौदाबाजार द्वारा 22.10.2024 को देवसुंदरा डाकघर का निरीक्षण किया गया था और कहा जाता है कि शिकायतकर्ता शाखा पोस्ट मास्टर की ओर से आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन से संबंधित कुछ गलती पाई गई थी। इसके अलावा, यह भी आरोप लगाया गया कि शिकायतकर्ता को आरोपी मेल ओवरसियर ने 11.11.2024 को एसडीआईपी, डाक विभाग बलौदाबाजार (छग) के कार्यालय में बुलाया था, जहां आरोपी ने उससे मामला निपटाने और इस तरह निरीक्षण के दौरान शिकायतकर्ता की ओर से पाई गई गलती पर कार्रवाई नहीं करने के एवज में 60,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता के अनुरोध पर, आरोपी मेल ओवरसियर ने उसे 60,000 रुपये की रिश्वत राशि किश्तों में देने की अनुमति देने पर सहमति व्यक्त की, यानी पहली किस्त में 40,000 रुपये और बाद में 20,000 रुपये। बाद में, एसडीआईपी ने भी आरोपी मेल ओवरसियर द्वारा की गई 40,000 रुपये की मांग का समर्थन किया और शिकायतकर्ता को आश्वासन दिया कि उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। सीबीआई ने आज जाल बिछाया और आरोपी मेल ओवरसियर को 25,000 रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। शिकायतकर्ता से 37,000/- रुपये तथा रिश्वत की राशि बरामद कर ली गई है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा उन्हें दिनांक 24.11.2024 को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा। दोनों आरोपियों के आवासीय एवं कार्यालय परिसरों की तलाशी ली जा रही है। जांच जारी है।
रायपुर 22 नवंबर 2024। कवर्धा से एक बड़ी खबर आ रही है।छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि मंत्री राम विचार नेताम का शुक्रवार को सड़क हादसे का शिकार हो गए। वह कवर्धा-बेमेतरा के रास्ते से रायपुर लौट रहे थे। तभी हाईवे में उनकी कार पिकअप से टकरा गई। मंत्री की गाड़ी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है उनके सिर पर भी चोट आई है। यह हादसा रायपुर-बेमेतरा मार्ग पर जेवरा गांव के पास हुआ। गंभीर हालत में मंत्री राम विचार नेताम को रायपुर लाया गया है। उन्हें पचपेड़ी नाका स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत कई मंत्रियों ने अस्पताल पहुंचकर उनका हाल जाना। इस दौरान रायपुर और बेमेतरा के कलेक्टर भी मौजूद रहे।
AK47 INSAS SLR/ जब्त- ग्रहमंत्री विजय शर्मा का बयान आया सामने-
२२ नवंबर २०२४- भेज्जी सुकमा: छत्तीसगढ़ के दक्षिणी सुकमा में DRG के साथ मुठभेड़ में 10 नक्सली मारे गए. इंसास, एके-47, एसएलआर और कई अन्य हथियार बरामद। सर्च ऑपरेशन जारी है: आईजी बस्तर पी सुंदरराज
कवर्धा: डीआरजी के साथ मुठभेड़ में मारे गए 10 नक्सलियों पर छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा का कहना है, “सुकमा के भेज्जी इलाके में डीआरजी जवानों ने आज सुबह ऑपरेशन चलाया. 10 नक्सली ढेर हो गए हैं और उनके शव बरामद कर लिए गए हैं. खुशी की बात है कि कोई जवान घायल नहीं हुआ है। 3 स्वचालित हथियार बरामद किए गए हैं। यह जवानों की क्षमता का परिणाम है। मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करना माननीय गृहमंत्री अमित शाह का संकल्प है। उस संकल्प को पूरा करने के लिए सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व में काम किया जा रहा है, मैं स्पष्ट देख रहा हूं कि आने वाले समय में पूरा बस्तर इस ‘लाल आतंक’ से मुक्त हो जाएगा।”
Sukma live: Bastar live: Encounter continues between DRG and Naxalites in Southern Sukma- दक्षिणी सुकमा में DRG और नक्सलियों के बीच जारी है मुठभेड़
छत्तीसगढ़ | 22 नवम्बर 2024- दक्षिणी सुकमा में DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है. सुबह से ही गोलीबारी जारी है. सर्च ऑपरेशन जारी है: आईजी बस्तर पी सुंदरराज
अडानी के शेयरों में 10-25% की भारी गिरावट, 2.79 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट-
Adani stock bloodbath
गुरुवार, 21 नवंबर, 2024 को अदानी समूह के शेयरों में 10% से 25% की भारी गिरावट आई। अमेरिका अदालत के अभियोग आदेश के प्रचारित होने से पहले भारत के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक गौतम अडानी की संपत्ति 60 बिलियन डॉलर से अधिक थी। तब से उनके शेयरों के मूल्य में तेजी से गिरावट आई है। लेकिन शेयरधारकों के लिए नुकसान केवल उन कई चुनौतियों का है, जिनका सामना भारतीय अरबपति को करना पड़ सकता है।
एक अमेरिकी अदालत ने अडानी समूह और उसके अध्यक्ष गौतम अडानी को भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए दोषी ठहराया है, जिससे 21 नवंबर को सुबह 10:45 बजे तक समूह के शेयरों का संयुक्त बाजार मूल्य ₹2.6 लाख करोड़ ($30 बिलियन) कम हो गया है, लेकिन यह सिर्फ इतना ही हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार चुनौतियों की एक श्रृंखला की शुरुआत।
फोर्ब्स के आंकड़ों के मुताबिक, बिकवाली से पहले 20 नवंबर को गौतम अडानी की संपत्ति 60.9 बिलियन डॉलर से अधिक थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता एचपी रानीना ने सीएनबीसी-टीवी18 को बताया, “मैं इसके निहितार्थ को लेकर चिंतित हूं। भारतीय कंपनियों पर भारी आर्थिक जुर्माना और प्रतिष्ठा संबंधी मुद्दे।” अगर अडानी समूह अमेरिका में मामला निपटाने का फैसला करता है तो भारतीय कंपनियों को भारी जुर्माने के लिए पैसे चुकाने होंगे। जुर्माने से समूह के शेयरों की कीमतों पर असर पड़ेगा।
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने गौतम और सागर अडानी पर अडानी ग्रीन और एज़्योर पावर के लिए खरीद अनुबंध हासिल करने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों को करोड़ों डॉलर की रिश्वत देने का भी आरोप लगाया है।
जिन बैंकों ने अडानी समूह को पैसा उधार दिया है, उन्हें भी झटका लगा है। भारत के सबसे बड़े बैंक, सरकार के स्वामित्व वाले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को गौतम अडानी की कंपनियों के सबसे बड़े ऋणदाताओं में से एक होने के कारण बाजार पूंजीकरण में ₹30,000 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
CNBC-TV18 ने विशेषज्ञों से पूछा कि आने वाले दिनों में भारतीय अरबपति और बाकी भारतीय बाजार को किन अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
मुंबई स्थित लॉ फर्म क्रॉफर्ड बेली एंड कंपनी के सीनियर पार्टनर संजय आशेर का मानना है कि अभियोग ‘धरती तोड़ने वाला’ नहीं है और अडानी अमेरिका में मामले को निपटाने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा, “नई कानूनी चुनौतियां हो सकती हैं जो (भारत में) निहित स्वार्थ वाले लोग शुरू कर सकते हैं।”
इसके राजनीतिक निहितार्थ भी होंगे. अडानी को पहले से ही भारत में विपक्षी दलों से अपमान का सामना करना पड़ रहा है, जो अरबपति को भारत में सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान के करीबी व्यक्ति के रूप में देखते हैं। देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने अडानी और नरेंद्र मोदी प्रशासन दोनों के खिलाफ आक्रोश बढ़ाने के लिए आज दोपहर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है।
चिंता का विषय ये है कि आज अदाणी के चार शेयरों ने अपने निचले सर्किट को छुआ, जिनमें दिग्गज अदाणी एंटरप्राइजेज और अदाणी पोर्ट्स शामिल हैं। इन्हें मिलाकर अडानी ग्रुप से निवेशकों की 2.79 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति साफ हो गई है. अदानी शेयरों में नवीनतम उन्मादी बिक्री गौतम अदानी, उनके भतीजे सागर अदानी और अन्य अधिकारियों पर संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय अदालत में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप के कारण है।
अदानी एंटरप्राइजेज: अदानी समूह की प्रमुख कंपनी, इतनी गिर गई कि इसने अपना 20% निचला सर्किट मिटा दिया, और 22.99% की गिरावट के साथ 2,171.60 पर कारोबार किया। इसके कारण इसका एम-कैप 74,832.92 करोड़ रुपये घटकर 2,50,669.12 करोड़ रुपये हो गया, जबकि 19 नवंबर को इसका एम-कैप 3,25,502.05 करोड़ रुपये था। फ्लैगशिप में सबसे अधिक गिरावट देखी गई।
अदानी पोर्ट्स: बंदरगाहों की दिग्गज कंपनी भी अपने 20% निचले सर्किट पर 1,031.25 रुपये पर स्थिर हो गई, जिससे इसका एम-कैप 2,22,764.33 करोड़ रुपये हो गया, जो 19 नवंबर को 2,78,452.71 करोड़ रुपये के एम-कैप से 55,688.38 करोड़ रुपये कम हो गया।
अदानी ग्रीन एनर्जी: ग्रुप का ग्रीन एनर्जी स्टॉक बीएसई पर 19.53% की गिरावट के साथ 1136.00 रुपये के इंट्राडे लो पर पहुंच गया। इसका मार्केट कैप 43,674.11 करोड़ रुपये घटकर 1,79,951.67 करोड़ रुपये हो गया, जो 19 नवंबर को 2,23,625.79 करोड़ रुपये था। अदानी पावर: बिजली कंपनी का स्टॉक लगभग 18% गिरकर 430.85 रुपये के इंट्राडे लो पर पहुंच गया। इससे इसका मार्केट कैप 35,961.09 करोड़ रुपये घटकर 1,66,181.07 करोड़ रुपये रह गया, जबकि 19 नवंबर को एम-कैप 2,02,142.17 करोड़ रुपये था।
अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस: गौतम अदानी का यह ऊर्जा स्टॉक भी 697.70 करोड़ रुपये के 20% निचले सर्किट पर जम गया, जो इसका नया 52-सप्ताह का निचला स्तर भी है। तदनुसार, कंपनी का मार्केट कैप 19 नवंबर को 1,04,763.86 करोड़ रुपये के एम-कैप से 20,950.37 करोड़ रुपये कम होकर 83,813.49 करोड़ रुपये हो गया। इसलिए, अदानी ग्रीन अब 1 लाख करोड़ रुपये के कंपनी क्लब से बाहर हो गई है।
अंबुजा सीमेंट: अदानी समूह का सीमेंट दिग्गज स्टॉक कम से कम 17.59% गिरकर 452.90 करोड़ रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया। इसके चलते अंबुजा का मार्केट कैप 23,812.15 करोड़ रुपये घटकर 1,11,561.11 करोड़ रुपये हो गया है, जो 19 नवंबर को 1,35,373.27 करोड़ रुपये था। ये अडानी ग्रुप की सबसे मूल्यवान कंपनियां हैं। इनमें तेज बिकवाली से अडानी ग्रुप का ओवरऑल मार्केट कैप लुढ़क गया है। अन्य शेयरों में अदानी टोटल गैस में 18.14% की गिरावट आई, जिससे बाजार पूंजीकरण लगभग 13,412 करोड़ रुपये कम हो गया। इसके अलावा, एसीसी स्टॉक में 14.54% की गिरावट आई, जिससे लगभग 5,967.89 करोड़ रुपये का एम-कैप कम हो गया। इसके अतिरिक्त, समूह का मीडिया स्टॉक 14.4% नीचे गिर गया, एम-कैप में 156.38 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई और 1,000 करोड़ रुपये के मार्केट कैप क्लब से बाहर हो गया।
अंत में, एफएमसीजी स्टॉक अदानी विल्मर भी अपने 10% निचले सर्किट पर 294.40 रुपये पर बंद हो गया, जो कि इसका नया 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर भी था। इस कंपनी का एम-कैप 4,321.43 करोड़ रुपये घट गया। कुल मिलाकर 21 नवंबर के शुरुआती कारोबार में अडानी ग्रुप के शेयरों का संचयी मार्केट कैप लगभग 278,778 करोड़ रुपये गिर गया।
अडानी के शेयर क्यों गिर रहे हैं?
अडानी के शेयरों में गिरावट का कारण यह है कि उनके प्रमुख गौतम अडानी और सात अन्य वरिष्ठ व्यावसायिक अधिकारियों पर संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) में अमेरिकी निवेशकों को 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने का संकेत दिया गया है। इसके अतिरिक्त, गौतम और उनके भतीजे सागर अडानी सहित अन्य पर सौर अनुबंधों के लिए भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है। ब्रुकलिन की संघीय अदालत में पाँच-गिनती का आपराधिक अभियोग खोल दिया गया है। अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय के बयान के अनुसार, लगभग 2020 और 2024 के बीच, आरोपी पर भारत सरकार के साथ आकर्षक सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध प्राप्त करने के लिए 265 मिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान करने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप है। इनसे लगभग 20-वर्ष की अवधि (रिश्वत योजना) में कर के बाद $2 बिलियन से अधिक लाभ उत्पन्न करने का अनुमान लगाया गया था। रिपोर्ट से यह भी पता चला कि कई मौकों पर गौतम अडानी ने रिश्वत योजना को आगे बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूप से भारत सरकार के एक अधिकारी से मुलाकात की, और प्रतिवादियों ने इसके कार्यान्वयन के पहलुओं पर चर्चा करने के लिए एक-दूसरे के साथ व्यक्तिगत बैठकें कीं। आगे यह भी पता चला कि इन अवधियों के दौरान गौतम एस. अदानी, सागर आर. अदानी और विनीत एस. जैन ने कथित तौर पर भारतीय ऊर्जा कंपनी की रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार विरोधी प्रथाओं को गलत तरीके से पेश करने और अमेरिकी निवेशकों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय से रिश्वत योजना को छिपाने की साजिश रची थी। संस्थानों को वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए, जिसमें रिश्वत के माध्यम से प्राप्त सौर ऊर्जा आपूर्ति अनुबंधों को वित्तपोषित करना भी शामिल है। हालाँकि, इसमें कहा गया है, “अभियोग में आरोप आरोप हैं और प्रतिवादियों को तब तक निर्दोष माना जाएगा जब तक कि वे दोषी साबित न हो जाएं।”
फोर्ब्स के आंकड़ों के मुताबिक, बिकवाली से पहले 20 नवंबर को गौतम अडानी की संपत्ति 60.9 बिलियन डॉलर से अधिक थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता एचपी रानीना ने सीएनबीसी-टीवी18 को बताया, “मैं भारतीय कंपनियों पर भारी आर्थिक जुर्माना और प्रतिष्ठा संबंधी मुद्दे।” के निहितार्थ को लेकर चिंतित हूं। अगर अडानी समूह अमेरिका में मामला निपटाने का फैसला करता है तो भारतीय कंपनियों को भारी जुर्माने के लिए पैसे चुकाने होंगे। जुर्माने से समूह के शेयरों की कीमतों पर असर पड़ेगा।
जिन बैंकों ने अडानी समूह को पैसा उधार दिया है, उन्हें भी झटका लगा है। भारत के सबसे बड़े बैंक, सरकार के स्वामित्व वाले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को गौतम अडानी की कंपनियों के सबसे बड़े ऋणदाताओं में से एक होने के कारण बाजार पूंजीकरण में ₹30,000 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
आने वाले दिनों में भारतीय अरबपति और बाकी भारतीय बाजार को किन अन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
मुंबई स्थित लॉ फर्म क्रॉफर्ड बेली एंड कंपनी के सीनियर पार्टनर संजय आशेर का मानना है कि अडानी अमेरिका में मामले को निपटाने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा, “नई कानूनी चुनौतियां हो सकती हैं जो (भारत में) निहित स्वार्थ वाले लोग शुरू कर सकते हैं।”
इसके राजनीतिक निहितार्थ भी होंगे. अडानी को पहले से ही भारत में विपक्षी दलों से अपमान का सामना करना पड़ रहा है, जो अरबपति को भारत में सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान के करीबी व्यक्ति के रूप में देखते हैं। देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने अडानी और नरेंद्र मोदी प्रशासन दोनों के खिलाफ आक्रोश बढ़ाने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है।
कुछ लोग शेयरधारक सक्रियता को भी नियंत्रित नहीं करते हैं। 130 बिलियन डॉलर के अदानी समूह के सबसे बड़े निवेशकों में से एक, फ्लोरिडा स्थित निवेश फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स, अमेरिकी अदालत के आरोप के बाद पहले ही ऑस्ट्रेलियाई स्टॉक एक्सचेंज में अपने शेयर मूल्य का लगभग पांचवां हिस्सा खो चुकी है।
मुंबई स्थित शेयरधारक सलाहकार फर्म, इनगवर्न के संस्थापक और प्रबंध निदेशक, श्रीराम सुब्रमण्यन ने कहा-
“वे भ्रष्टाचार में शामिल संबंधित लोगों को हटाने के लिए मामला दायर कर सकते हैं। शेयरधारक कह सकते हैं कि हम प्रबंधन में कुछ लोगों को नहीं चाहते हैं। अभियोग अमेरिकी कानून के अनुसार होगा। इसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है।” ऐसे लोग भी हैं जो मानते हैं कि विवाद जल्द ही खत्म हो जाएगा और कुल मिलाकर बाजार पर इसका लंबे समय तक प्रभाव नहीं पड़ेगा। “मुझे लगता है कि बाजार इसे एक दिन में, अधिकतम एक सप्ताह में भूल जाएगा, और फिर जीवन आगे बढ़ेगा। हम इसे इसी तरह से अपनाएंगे। इसलिए मैं इस समय क्या हो रहा है, इसके बारे में ज्यादा नहीं पढ़ूंगा। यह न्यायाधीन है। बहुत सी चीजें सामने आएंगी। आखिरकार, हम नहीं जानते कि क्या निष्कर्ष निकलेगा, लेकिन मैं इस तरह की घटनाओं के आधार पर अपना बाजार दृष्टिकोण तय नहीं कर रहा हूं क्योंकि मैंने विश्व स्तर पर ऐसा बार-बार होते देखा है।
रायपुर. महत्वपूर्ण- मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की पूर्व संध्या पर, पुणे के पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल द्वारा बारामती सांसद और एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले, साथ ही महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के खिलाफ सबसे बड़े बिटकॉइन फ्रॉड (biggest bitcoin fraud) के गंभीर आरोप लगाने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कथित वॉयस नोट्स जारी करते हुए इस आरोप को दावा किया, जिसमें उनका कहना है कि चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए 800 मिलियन USD कीमत के बिटकॉइन को भुनाने की साजिश में सुप्रिया सुले और नाना पटोले शामिल हैं।
भाजपा नेताओं ने इस biggest bitcoin fraud मैं आरोप लगाया कि इस योजना का उद्देश्य चुनावों में हेरफेर करना था, जिससे चुनावों की निष्पक्षता और अखंडता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
सुप्रिया सुले ने आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि भारतीय जनता पार्टी इस स्तर तक नीचे आने को तैयार है। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया कि दोनों नेताओं ने 2018 के क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी मामले में बिटकॉइन का दुरुपयोग किया था और इसका इस्तेमाल महाराष्ट्र में चल रहे विधानसभा चुनावों में फंडिंग के लिए किया था। रवींद्रनाथ पाटिल ने कहा कि वह जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, पूर्व आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुणे के तत्कालीन पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता और साइबर अपराध जांच को संभालने वाले तत्कालीन पुलिस उपायुक्त भाग्यश्री नौटके बिटकॉइन के दुरुपयोग में शामिल थे, जिसका अंततः दो राजनीतिक नेता द्वारा उपयोग किया जा रहा है।
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावों का समर्थन किया. त्रिवेदी ने तीन ऑडियो क्लिप पेश करते हुए दावा किया कि ये सबूत हैं कि नाना पटोले और सुप्रिया सुले इस "बिटकॉइन घोटाले" में शामिल थे।
कांग्रेस से बीजेपी के 5 सवाल-
सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस और सुप्रिया सुले से बिटक्वाइन ट्रांजेक्शन को लेकर जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि ऑडियो क्लिप, मैं कथित तौर पर एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले की आवाज में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘बिटकॉइन के बदले नकदी चाहिए। आपको किसी जांच की चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम सत्ता में आने के बाद इसे संभाल लेंगे।’ इस ऑडियो में सुप्रिया सुले कथित तौर पर गौरव मेहता नाम के शख्स से बात कर रही हैं।
क्या कांग्रेस पार्टी या उनके नेता का बिटकॉइन की ट्रांजेक्शन से कोई लेना-देना है? डीलर गौरव मेहता या गुप्ता नामक व्यक्ति से क्या संबंध या संपर्क है? गौरव मेहता या गुप्ता से किसी प्रकार का संवाद हुआ है या नही? ये आपकी आवाज है या नहीं? इसमें जो बिग पीपल बोला गया है वो बड़े लोग कौन है?
आपको बता दें कि ये ऑडियो क्लिप एक व्हाट्सएप चैट, जो बिटकॉइन कंपनी मैं काम करने वाले एक कर्मचारी गौरव मेहता और पूर्व IPS अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल के बीच की बताई जा रही है
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार (नवंबर 20, 2024) को गौरव मेहता के रायपुर छत्तीसगढ़ परिसर में तलाशी ली, जो कथित तौर पर चुनावी राज्य महाराष्ट्र में बिटकॉइन लेनदेन मामले से जुड़ा है।
CBI अधिकारी, रायपुर
आपको बता दें कि गौरव मेहता रायपुर के ही रहने वाले हैं ओर उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान, (NIT) रायपुर से मेटलर्जी मैं प्राप्त की थी, वे CATAX.app नामक एक क्रिप्टो टैक्स कंपनी के CEO ओर फाउंडर हैं, जिसका संबंध इस 800 Million dollars के साथ बताया जा रहा है